Funny Bhojpuri Shayari (मजेदार भोजपुरी शायरी) कविता का एक जीवंत रूप है जो बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों से उत्पन्न होती है।
मजेदार भोजपुरी शायरी (Funny Bhojpuri Shayari) की विशिष्ट विशेषताओं में से एक इसकी लयबद्ध प्रवाह और संगीतमयता है, जो अक्सर पारंपरिक भोजपुरी लोक धुनों या लय के साथ होती है। यह इसके आकर्षण को बढ़ाता है और इसे न केवल कविता के रूप में बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समारोहों में गीतों और प्रदर्शन के रूप में भी लोकप्रिय बनाता है।
मजेदार भोजपुरी शायरी न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में बल्कि भोजपुरी भाषी समुदाय के भीतर संचार और कनेक्शन के साधन के रूप में भी काम करती है। यह लोगों की खुशियों, दुखों, आकांक्षाओं और संघर्षों को दर्शाता है, उनके सांस्कृतिक लोकाचार और मूल्यों की झलक पेश करता है।
पिछले कुछ वर्षों में, भोजपुरी शायरी विकसित हुई है और अपने सार को संरक्षित करते हुए समकालीन स्वाद और रुझानों के अनुरूप ढल गई है। यह अभिव्यक्ति के एक जीवंत रूप के रूप में विकसित हो रहा है, जो अपनी बुद्धि, हास्य और भावनात्मक गहराई से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
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Very Funny Bhojpuri Shayari
- ससुर के चलते, दिल में दर्द छुपावे,
बेटा बनाके बंदा, बाबूजी से गावे। - पति पत्नी का जगड़ा, हर दिन नया खिलौना,
सुनिए सबकी कहानी, पति बने हैं महारानी। - बिगाड़ेल तोहार नजरिया, छोड़ दिया हमके लोट,
सोचत बा बार बार, लोटनी छिलोरान लोट। - जीजा जीजी खाएं, साली आईल घर,
भतिजवा रुलावे, पत्नी के सिरियार। - ससुराल में क्यूँ डरावे, सास रंडी रोज,
जेल जेल हाथ बांधवे, सास बेबाक रोज। - बाबू जी बात काम की, कई बार बताई,
तनी तनी बसी रही, चींटी समझाई। - बीवी के साथ रहना, रहस्यमयी जैसे साइंस,
अबे तोहारा के बिना, मिलत ना थी पांच कोशिका ब्रांड। - शादी के बाद समझा, ना पढ़ती जीजा जी,
कमर कस लिये बैठे, लाल मोहरी की चाबी। - ससुराल में भैया के, भाबी बोले छोटा,
सुनी हमरा बिदाई, पिया चला टोटा। - जीजा जी रे बातिया, नजरिया ना फेरा,
पार ना होखिलौना, पति के पीछे चला जेहरा।
एक राजस्थानी लड़के ने लड़की को शायरी लिखा - सास बोले आजा, बेटा हमरा घर,
ननदिया भी कहे बहन, ला के जियरा झार। - नयी नयी बातिया, पिया जी के संग,
सोचत हम बितवले, कब करे परिवार संग। - पति के नजरिया, ना बदल जेहरील,
सोचे तोहारा, चली जावे अंधी की गर्मी में तेल। - ससुर सईयां रहे, छोड़े जावन बाबू,
भतिजवा के प्यार में, बन जावे लालबाबू। - सासुर सईयां के, बिना न चले काम,
निरहुआ बाबू जी, बन गए राजा भारी का नाम।